जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 44 जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि 45 जवान घायल हो गए. पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही गृह मंत्रालय में उच्च अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए. केंद्र सरकार ने शुक्रवार सुबह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक बुलाई गई है, जिसमें बड़ा फैसला होने की उम्मीद है.
वहीं हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की 12 सदस्यीय टीम गठित की गई है, माना जा रहा है कि यह टीम शुक्रवार सुबह विशेष विमान से घटनास्थल पर पहुंचेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार NIA का विशेष जांच दल फॉरेंसिक उपकरणों के साथ शुक्रवार सुबह कश्मीर रवाना होगी जो हमले की जांच कर रही जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद करेगी.
गृह सचिव राजीव गौबा इस समय भूटान के थिम्पू में सचिव स्तर की वार्ता के लिए गए हैं, लेकिन हमले की वजह से उन्होंने यह यात्रा संक्षिप्त की और दिल्ली वापस आ रहे हैं. वहीं सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की शुक्रवार सुबह 9 बजे बैठक बुलाई गई है. पूरे कश्मीर में एहतियातन इंटरनेट की स्पीड 2G कर दी गई है.
गौरतलब है कि गुरुवार दोपहर बाद 3:30 बजे श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों का 70 गाड़ियों का काफिला गुजर रहा था, जिसमें लगभग 2500 जवान सवार थे. तभी पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में आतंकियों ने विस्फोटक भरी गाड़ी से काफिले के एक वाहन पर आत्मघाती हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि धमाका इतना बड़ा था कि इसकी 5 किलोमीटर के क्षेत्रफल में सुनाई पड़ी और सुरक्षा बलों के वाहन के परखच्चे उड़ गए.
सीआरपीएफ द्वारा जारी बयान के मुताबिक आतंकियों ने इस हमले में प्रमुख तौर पर 6Bn CRPF की बस को निशाना. जिसमें 39 जवान सवार थे. हमले के थोड़ी ही देर बाद पाकिस्तानी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए हमले को अंजाम देने वाले फिदायीन आदिल अहमद डार का विडियो जारी किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आदिल कुछ ही महीने पहले ही वह जैश में शामिल हुआ था.
बताया जा रहा है कि आदिल आहमद डार को इस हमले के लिए जैश कमांडर और IED एक्सपर्ट अब्दुल रशीद गाजी ने ट्रेनिंग दी. बता दें कि अब्दुल रशीद गाजी पाक आधिकृत कश्मीर में जैश के कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर रह चुका है. इसके साथ ही गाजी आफगानिस्तान में तालिबानियों के साथ जंग में भी शामिल रहा. सूत्रों के मुताबिक गाजी दिसंबर के महीने में घाटी में दाखिल हुआ. जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट भी जारी किया था. गाजी के कश्मीर में दाखिल होने से पिछले 2 महीने में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं.